Friday 26 September 2014

मैं जिन्दगी का साथ निभाता चला गया, हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया। हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेता देवानंद की जीवन शैली पर ये लाइनें बिल्कुल सटीक थीं। जिन्दगी के साथ रोमांस करने वाले और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाले सदाबहार, ज़िन्दादिल और भले मानस के रूप में प्रसिद्धी पाने वाले देवानंद भारतीय सिनेमा जगत के ऐसे अभिनेता जिन्होंने दर्शकों को मोहब्बत की संजीदगी और रूमानियत सिखायी। रूपहले पर्दे को उलते पुलटते हुए रोमांस की एक अलग परिभाषा लिखे जिसे कोई छु न सके। पर्दे पर जिस तरह का रोमांस देव साहब अपनी नायिकाओं के साथ करते थे। आज भी बॉलिवुड में अभिनेता उसे समझने की कोशिश करते हैं।

शोखियों में घोला जाये फूलों का शबाब उसमें फिर मिलायी जाये, थोड़ी सी शराब, होगा फिर नशा जो तैयार वो प्यार है, जी हां जीवन को कुछ इसी अंदाज में जीने वाले देव आनंद का जन्म 26 सितंबर 1923 को हुआ था। इस मशहूर अभिनेता को 2001 में पद्मा भूषण और 2002 में दादासाहेब फाल्के अवार्ड से नवाजा गया। 65 साल के लंबे कैरियर में उन्होंने 114 फिल्मों में काम किया। इसमें 104 फिल्मों में उन्होंने मुख्य किरदार निभाया। इसके अलावा उन्होंने 2 अंग्रेजी फिल्में भी की । देवानंद उस दौर के अभिनेता रहे हैं, जब फिल्में समाज शिक्षण का माध्यम मानी जाती थी। विशुद्ध मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता, संस्कृतिक पतन का निराला प्रदर्शन और नैतिकता, मर्यादा को ताक पर रखना स्वीकार्य नहीं था।

बॉलीवुड सितारों की प्रेम की चर्चा आए दिन सुर्खियों बनी रहती है,लेकिन किसी भी सितारे की इतनी हिम्मत नहीं होती कि वह अपने रिशते को सभी के सामने कबूले। लेकिन इससे उलट देवआनंद ने अपनी प्रेमिका सुरैया के इश्क को सभी के सामने कबूला। देव साहब के लिए प्रेम करना एक धागे की तरह रहा। जिसके दोनों सिरे हमेशा उनके पास रहे जब चाहा प्यार किया और जब प्यार में दर्द मिला तो कमंडल उठाया और एक वैरागी की तरह सब कुछ छोड़ कर आगे बढ़ लिए।

भारतीय सिनेमा में देवानंद की छवि एक जबर्दस्त रोमांटिक हीरो की रही। जिंदगी से भरपूर, जवां दिल देवानंद की उम्र कभी उनके आड़े नहीं आई। भारतीय सिनेमा के इस सदाबहार अभिनेता ने बतौर अभिनेता, निर्माता और निर्देशक बेहतरीन फिल्में दीं। आज बेशक देवानंद हमारे बीच नही हैं  लेकिन उनकी जिंदादिली, जीवन को जीने की इच्छा और हमेशा कुछ नया करने की इच्छाशक्ति बॉलीवुड के नये लोगों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहेगी।

Categories:

0 comments:

Post a Comment