Monday 17 October 2016

Posted by Gautam singh Posted on 22:34 | No comments

"खुद को लिखा खत"

डीयर ड्रीम परेशान मत हो, जिन लोगों को तुम बुरा समझने की गलती कर रहे हो, दरअशल वह बुरे नहीं हैं, उनका स्वभाव ही ऐसा है। वह जैसे कल थे, वैसे ही आज हैं और ऐसे ही आने वाले कल में रहेंगे। उनको लेकर चिंता मत करो। आज तुम्हारा वक्त, तुम्हारे हालात, तुम्हारी परिस्थितियां सबकुछ तुम्हारे विपरीत चल रही हैं और हो सकता है कि आगे कुछ समय तक और भी चलें, लेकिन तुम जरा भी निराश मत होना। 

ड्रीम, लोग कहते हैं कि तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान बहुत अच्छी लगती है, तुम्हारी स्माइली की वजह से बहुत से लोगों ने तुम्हें मुस्कान नाम भी दे रखा है, पर तुम्हारा यह उदासी भरा चेहरा देखकर अच्छा नहीं लगता है। ड्रीम यार! दुःख-दर्द तो आते-जाते ही रहते हैं। यह बात अलग है कि तुम्हारा समय कुछ ज्यादा ही खराब रहा है। तुमने जितने कष्ट अपनी छोटी सी जिंदगी में देख लिए हैं उतने तो शायद कोई सोच भी नहीं सकता। ड्रीम तुम्हे पता है कि जिंदगी जितनी कठिन होती है उतनी ही रोचक भी होती है। तुम भगवान् को नहीं मानते हो यह अलग विषय है, लेकिन अभी वही भगवान तुम्हारी परीक्षाएं ले रहा है।

इस समय तुम भी पानी की तरह हो जाओ। बह जाना पर टूटना मत और मुझे उम्मीद है कि तुम टूटोगे नहीं, क्योंकि तुम इस मामले में बहुत ही हिम्मती हो, लेकिन अभी के हालातों को देखकर कोई गलत कदम मत उठाना क्योंकि तुमसे बहुत लोगों की आस, उम्मीद जुडी है। ड्रीम तुम खुद कैसे निराश हो सकते हो, तुम तो लोगों को मोटिवेट किया करते थे। तुम्हारी तरक्की और लगन देखकर लोग तुम्हारी चर्चा किया करेंगे। बस कुछ दिन का ही यह बुरा वक्त है इसे कैसे भी हंसते-रोते काट लो।

सुनहरा कल तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है। ड्रीम तुम्हे भगवान ने अलग ही मिटटी से बनाया है। तुम दूसरों का दर्द देखकर रो देते हो। किसी को मजबूर देखकर विचलित हो उठते हो। उसकी सहायता के लिए तुम अपना जरूरी से जरूरी काम छोड़ देते हो। यह सारे काम भगवान् देख रहा है। तुम्हे पता है कि भगवान अपने भक्त की बहुत परीक्षाएं लेता है तब जाकर उसे दर्शन प्राप्त होते हैं। हीरे को भी कोयले में दबा रहना पड़ता है। तुम भी वही हीरा हो। ड्रीम तुम्हारी सबसे बड़ी कमजोरी है कि तुम हर किसी पर विश्वास कर लेते हो।

उसको अपना मान बैठते हो। बस इसी कारण से तुम धोखा खा जाते हो, लोग तुम्हारे साथ कुठारघात कर देते हैं। ड्रीम यार जमाने के हिसाब से थोड़ा सा बदलाव लाओ। मैं तुमको गलत राह पर जाने के लिये नहीं बोल रहा हूँ लेकिन समाज बदल रहा है जरा सा तुम भी बदल जाओ। यूँ हर किसी पर विश्वास करना छोड़ दो। देखोगे जिंदगी में कुछ परेशानियां कम हो जाएँगी। मेहनती तो तुम हो ही पर मौका परास्त भी बनो। अगर यूँ हर किसी के सम्मान में कुर्सी छोड़ते रहोगे तो खुद कभी नहीं बैठ पाओगे।