Sunday 7 April 2019

आदत गई नहीं ना तुम्हारी 
कौन सी 
नजरे चुराने की 
तो तुम्हारी कहां चली गई 
कौन सी 
नजरे मिलानी की, जब से आई हो बस देखे जा रही हो
तुम हमेशा सवाल का जवाब सवाल करके ही क्यों देते हो 
क्या करे आदत जो है।
अच्छा सच-सच बताओं नंबर सेव था न मेरा 
नहीं 
छूठ मत बोलो, बहाना करना आज भी नहीं आता तुमको
जब तुमको पता है तो फिर पूछती क्यों हो
अच्छा और बताओं क्या चल रहा है तुम्हारा आज कल
कुछ खास नहीं बस अपने काम और कविता, कहानियों में व्यस्त हूं...
अच्छा अब तो तुम अपने ऑफिस में भी लड़कियों को कविता, कहानियां सुनाते होगें और अब तो कई लड़कियां तुम्हारी दोस्त भी होगी..
देखो जैसे हम दूसरे की जिन्दगी को देखते है वैसा होता नहीं...
अरे चल झूठा अब भी तुम्हे झूठ बोलना नहीं आता 
अरे मैं सच्च बोल रहा हूं झूठ क्यों बोलूं... अच्छा ये बताओं आज तुम यहां कैसे
पिछले 2 सालों से मुझे तुमसे बहुत सारी शिकायत करनी थी इस लिए आ गई मिलने
अच्छा तो तुम शिकायत करने मुझसे मिलने आयी हो...इतना भी झूठ मत बोलों, अब सच-सच बता भी दो...
अरे मुझे तुम्हारे शहर में कुछ काम था इसलिए आई हूं तो सोची तुम्हे फोन करके मिल लूं...
और तुम्हारा बेबी कैसी है 
तुम्हे कैसे पता मुझे बेबी है, 
अरे वो रवि बता रहा था

अरे ऐसा नहीं है 
हद हो गया यार तुम कितना झूठ बोलोंगे... आज तक तुम खुल कर बोलना नहीं सिख पाये...
हां कभी-कभी देख लेता हूंअच्छा एक बात बताओं क्या तुम मुझसे प्यार करते थे 
अब इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है...
वो पता है मुझे पर तुम जवाब तो दे ही सकते हो न
शायद हां
तो फिर कुछ कहा क्यों नहीं 
तुम तो बिन बोले मेरी सब बातों को समझ जाया करती थी तो फिर इस को कहना जरूरी तो नहीं था तुम समझ सकती थी...
तुम बता भी तो सकते थे...
कैसे बताता तुम्हे, तुम तो जानती थी मेरे पास जॉब तो था नहीं, तो कैसे कह देता, खुद को तो संभाल नहीं पा रहा था तो तुमको कहां से संभालता
यह जरूरी तो नहीं की जॉब होना चाहिये प्यार के लिए, और मैंने कब कहा था की तुम मुझे संभालना...तुम बोलते तो मैं जॉब करती अपने आप को और तुम्हे दोनों को संभालती 
अच्छी बात है तुम जॉब करती और मैं घर पर बैठा खाता लोग क्या कहते...
तुम्हारा सोच नहीं बदला अभी तक, तुम वही करते जो तुम करना चाह रहे थे। 
सच पूछो तो मैं उस वक्त समझ ही नहीं पाया कि मैं तुम्हारे साथ रहते हुए भी मैं अपने करियर पर फोकस कर सकता था, पर अब क्या करुं जो हो गया सो हो गया वक्त को तो घुमा नहीं सकता ना...
सॉरी
अरे सॉरी मत बोलो अगर अभी से तुम सॉरी बोलने लग जाओंगे तो मैं झगड़ा किस से करुगी... अच्छा बता मिला तुम्हे
क्या?
वही जिसके लिए तुम मुझे छोड़ कर चल दिये थे 
नहीं अभी तो नहीं, अभी शायद वक्त लगें
तो फिर जमकर मेहनत करो और जल्दी से अपने मंजिल पर पहुचों... अच्छा शादी कब कर रहे हो और हां शादी में जरूर बुलाना 
नहीं कर रहा शादी 
क्यों
मन नहीं है 
क्यों मन नहीं है 
कोई अब मिल ही नहीं रही जिससे प्यार हो 
अरे तुम पागल हो क्या कोई न कोई मिल ही जाएगी.. और वैसे भी इन दो सालों में मुश्किल से 3 बार बात हुई है वो भी बस हाल-चाल लेने के लिए
तो मैं क्या करता मैं नहीं चाहता हूं की मेरी वजह से तुम्हारी जिन्दगी में कोई भूचाल आ जाये 
अरे नहीं आता कोई भूचाल तुम बात तो करते इससे मुझे पता तो चलता की तुम ठीक हो... तुम्हे पता है मैं सोच कर आयी थी कि आज तुमसे बहुत शिकायत करुंगी और लड़ाई भी करुंगी पर तुम्हे देखते ही भूल गई अच्छा अब मैं चलती हूं तुम अपना ध्यान रखना और हां फोन भी कर लिया करना जानती हूं तुम बहुत व्यस्थ हो अपनी जिन्दगी में पर याद रखना कोई है तुमसे मीलो दूर जिसे आज भी तुम्हारा ख्याल है।