Wednesday 29 April 2020

अभी तो बहुत वक्त था तुम्हारे पास, अभी तो टाइम आया था तुम्हारा, कितना कुछ करना था तुमको इस दुनिया में अभिनय का एक नया कृतिमान बनाना था। पर तुम बना ना सके, एक इतिहास जिसे लिखा जाना था वह  लिख ना सका...तुम थोड़ी और ताकत तो लगाते  इतिहास को लिखने के लिए... शायद तुमने जी-जान से ताकत लगाई भी होगी। लेकिन तुम जीत न सके काल के इस गाल को हरा ना सके... पिछले दो साल से तुम लड़ ही तो रहा थे पूरे शिद्दत के साथ उस काल से... 

जो तुझे रोज डराता मौत के नाम से, पर तुम रोज उसे हरा कर एक नया सुबह ले आते उस इतिहास को लिखने के लिए जिसे अभी लिखा जाना था। पर इस बार ऐसा हो ना सका और तुम हार गए... शादय तुम थक गए होंगे लागातार उससे लड़ते-लड़ते तुम्हारा शरीर थक चुका होगा... तुम जीना तो चाहते थे पर तुम्हारा शरीर साथ नहीं दे रहा होगा। जाओ तुम अब आराम से सो जाओं, बहुत लड़ाई लड़ी है तुमने, तुम जो इतिहास लिखना चाहते थे वह तो नहीं लिख पाये, पर तुमने जितना भी लिखा है। वह लिखना किसी और की बस की बात नहीं... तुम रहोंगे हमेशा हमारे साथ.... हम नहीं रहेंगे पर तुम रहोंगे हमारे बीच जिन्दा ...जब तक यह ब्रह्ममांड रहेगा...तुह रहोंगे किसी गाने में, किसी डायलोक में हमेशा हमारे बीच...