Friday 10 October 2014

यह बॉलिवुड है, यहां हर वयक्ति के आखों में सपने हजारों है। यहां हर किरदार खुद में अनगिनत कहानियां लिए घूमता है। एक स्ट्रगलर के अंदर कामयाब सितारे बनने की चाह तो एक कामयाब सितारे के पीछे उस कामयाबी तक पहुंचने की कई अनछुई कहानी। खुद में लाखों कहानियां लिए रंगमंच की ऐसी ही किरदार हैं रेखा। हिन्दी सिनेमा जगत में रेखा एक ऐसी अभिनेत्री हैं जिन्होंने अभिनेत्रियों को फिल्मों में परंपरागत रूप से पेश किए जाने के तरीके को बदलकर अपने बिंदास अभिनय से दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बनाई। आज रेखा का जन्मदिन है। शोहरत, सफलता और कामयाबी के शिखर पर पहुंची रेखा की जिंदगी पर्दे से शुरू होकर संसद तक जा चुकी है। 
इन आखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं, इन आंखों के बाबस्ता अफसाने हजारों हैं। रेखा पर फिल्माया गया यह गाना आज भी उनके जीवन पर सटीक बैठता है। रेखा की आंखों की मस्ती के आशिक हजारों थे और शायद आज भी हैं। रेखा का पूरा नाम भानुरेखा गणेशन कम ही लोग जानते हैं। 10 अक्टूबर 1954 को तमिल परिवार में जन्मीं भानुप्रिया के मां बाप दोनों ही अभिनय जगत से जुड़े हुए थे। उनके पिता जैमिनी गणेशन अभिनेता और मां पुष्पावली जानी मानी फिल्म अभिनेत्री थीं। घर में फिल्मी माहौल से रेखा का रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेत्री बनने के ख्वाब देखने लगीं।

12 साल की उम्र में आई 'रंगुला रत्नम' उनकी पहली फिल्म थी जिसे बाद में 1976 में 'रंगीला रतन' के नाम से दोबारा हिन्दी में भी बनाया गया. मुंबई आने और हिन्दी फिल्मों में कदम रखने से पहले उन्होंने एक तेलुगू और एक कन्नड़ फिल्म की। बॉलिवुड में रेखा ने 'अनजाना सफर' से फिल्मी करियर की शुरू आत की इस फिल्म में अभिनेता विश्वजीत के साथ चुंबन सीन होने के कारण विवाद में पड़ गया। जिसके कारण सेंसरबोर्ड से स्वीकृती नहीं मिला। अरसे बाद यह फिल्म 'दो शिकारी' के नाम से रिलीज हुआ और टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई।

इस कारण 1970 में आई 'सावन भादो' को उनकी पहली हिन्दी फिल्म माना जाता है। शुरुआत में सांवली रंगत, भारी शरीर और हिन्दी बोलने में सहज ना होने की वजह से बात बहुत जमीं नहीं। बाद में उन्होंने वजन कम किया और हिन्दी पर भी पकड बना कर दर्शकों के दिल पर राज किया। हिन्दी सिनेमा में उन्होंने कला और व्यावसायिक दोनों ही तरह की फिल्में कीं और शोहरत पाई। 'खूबसूरत', 'खून भरी मांग' और 'उमराव जान' उनकी बेहद कामयाब रही फिल्मों में से हैं। फिल्मी दुनिया के कई बड़े पुरस्कारों जीत चुकीं रेखा को भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा है।



Categories:

0 comments:

Post a Comment