Saturday 30 April 2016

Posted by Gautam singh Posted on 23:18 | No comments

डिग्री से क्या होगा?

जिस तरीके से डिग्री को लेकर आज-कल देश में बहस छिड़ी हुई है। उससे क्या होने वाला है। अभी गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्राचार कोर्स की डिग्री के बारे में जानकारी देने को कहा गया है। इससे क्या होगा? क्या डिग्री दिखाने से किसी को रोजगार मिल सकता है? अगर रोजगार मिल जाए तो मैं भी डिग्री दिखाने को तैयार हूं। दो ग्रेजुएशन और एक मास्टर की क्या इसेस मुझे रोजगार मिल जाएगा? इन तीन डिग्रियों में मैंने दो डिग्री लाया भी नहीं मुझे सर्टिफिकेट की कोई चिंता नहीं क्योंकि इस कोर्स से मुझे कुछ मिला नहीं बस समय और पैसों की बर्बादी के अलावे और मुझे उम्मीद भी नहीं है कि यह डिग्री मुझे रोजगार दिला भी सकती है। 


एक रिर्पोट के मुताबिक दुनिया के शीर्ष 10 फीसदी में एक लाख छात्र भारत से होते हैं। ऐसी स्थिति में लोग विश्वास करने के लिए तैयार ही नहीं होते कि भारत में लाखों लोग बिना किसी निपुणता के भी हैं। यह एक कटु सत्य है। हमारे देश में खराब शिक्षा के कई पहलू है। पहला प्राथमिक शिक्षा उसके बाद दूसरा पहलू उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़ा है। खासकर विशिष्टता वाले क्षेत्र में तो इसकी हालत तो और भी खराब है। एसोसिएशन ऑफ इंडिया चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) की हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एमबीए करने वालों में मात्र सात फीसदी लोग ही नौकरी के लायक हैं।

ऐसी ही तस्वीर आईटी इंडस्ट्री की है। नैस्कॉम के आंकड़ो के मुताबिक 90 फीसदी स्नातक और 75 फीसदी इंजीनियर प्रशिक्षण हासिल करने लायक नहीं हैं। ऐसे में एक बात तो सबके सामने है कि हमारी जितनी भी शैक्षणिक संस्थाएं है बेरोजगार भारतीय पैदा करती है। हमें शिक्षा व्यवस्था में बुहत सुधार की जरुरत है अगर हम मेक इन इंडिया को कामयाब बनाना चाहते है तो लोगों को ऐसे शिक्षा व्यवस्था से निकाल कर कारखानों में ट्रेनिंग के लिए भेजना होगा। नहीं तो ऐसे डिग्री दिखाने या देखने से कुछ नहीं होने वाला।
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