गांधी जयंती के मौके पर सूर्य अपने चमक के साथ पूर्व दिशा से संपूर्ण धरती को अपनी किरणों से रोशन कर रहा था। तब हमारा देश एक नई क्रांती के लिए जाग कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी योजना 'स्वच्छ भारत अभियान' की ज्योत जगा रहा था। उस दिन पूरे देश के लोगों ने शानदार एकता और अखण्डता का परिचय देते हुए भरपुर जोश और उत्साह के साथ प्रतिज्ञा लेकर स्वच्छ भारत के इस महान कार्य, जो गांधी जी के स्वच्छ भारत का अधूरा सपना भी था, के प्रति पूर्ण समर्थन, समर्पण दिखाया वो निश्चित रूप से महान और लाजवाब था।
गाँधीजी का सपना था कि हमारा भारत स्वच्छ हो, पर शायद ऐसे नहीं जैसे कि आज सरकारी मशीनरी ने किया है। कि पहले राजनेताओं की सफाई करने के लिये कचरा फैलाया और बाद में उनसे झाड़ू लगवाई जैसे कि वाकई सभी जगह सफाई की गई है। वैसे प्रधानमंत्री जी तो केवल सांकेतिक रूप से ही अभियान की शुरुआत कर सकते थे, और उन्होंने किया भी और कर भी रहे है, प्रधानमंत्री लगातार 'स्वच्छ भारत अभियान' में नए-नए लोगों को जोड़ भी रहे है। शुरु में लोगों ने इस अभियान में दिलचस्पी भी दिखाई और बहुत लोग अभी भी दिखा रहे है। लेकिन क्या माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा बनाया गया स्वच्छ भारत अभियान काम कर रहा है या सिर्फ एक दिखावा है।
हम सभी लोग जानते है की माननीय श्री मोदी जी ने जब यह घोषणा की तो बहुत सारी बातें हुवी पर समय और स्थिति को देख कर सब शान्त हो गए। आपने अपने आस पास कितनी स्वच्छ्ता देखी अब तक और कितनी कोशिस कि भारत को स्वच्छ करने की? स्वछता अभियान चलाना बहुत अच्छी बात है पर उससे ज्यादा अच्छी बात ये होती जब हमलोग इस पर अम्ल करते दिल से सिर्फ दिखावे के लिए नहीं। मेरा अनुरोध है की लोग इसे अपना कर्तव्य समझे। शुरूआत की, लेकिन क्या पीएम मोदी जी द्वारा बनाया गया स्वच्छ भारत अभियान काम कर रहा है या सिर्फ एक दिखावा बन कर रह गया है।
इसका जीता जागता उदाहरण मुझे उस समय मिला जब मैं क्रांती की भूमी मेरठ पहूंचा मैं मेरठ से दिल्ली आने के लिए एक गाड़ी में बैठा उस गाड़ी में मेरे पिछे वाली सीट पर दो महिलाएं अपने बच्चे के साथ बैठी। उस में एक महिला अपने बच्चे को केला खिलाकर छिल्का रोड़ पर गिरा दी। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है की भारत के 125 करोड़ जनता के दिलों दिमाग पर किड़ा सवार है कहीं पर कुछ भी फैला दो लेकिन क्या हम इस आदत में बदलाव नहीं कर सकते हम जब तक नहीं बदलेंगे तब तक स्वच्छ भारत अभियान का कोई मायने नहीं होगा।
सियासत को मारो गोली, इसने बहुत हैं जहर घोली, छोड़ो अब राजनीति की बात ,सोचे सबके हित की बात, ऐसा मिशन चलाये जिस से सबका हो कल्याण, आओ मिलकर सफल बनाये स्वच्छ भारत अभियान
करें इस ब्याधि का समूल अंतिम-संस्कार, ताकि परम आदरणीय बापू का सपना हो साकार, हम विश्व-पटल पर बनकर उभरे एक नया कृतिमान,आओ मिलकर सफल बनाये स्वच्छ भारत अभियान