दुनिया में सबसे आसान काम है जीना। जीने के लिए आपको बस सांस लेना होता है। खाना-पीना, सोना और कुछ आसान सी हरकतें आपको ज़िंदा रखने के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन इस आसान से जीवन को भी जो मकड़-जाल की तरह उलझा दे उसी को सभ्यता कहते हैं। याद ही नहीं कि पिछली बार कब किसी को बिना उलझे बस जीते देखा था। यह ब्लॉग कोशिश है मेरी कुछ उलझे धागे सुलझाने की। शायद थोड़ा सुलझ कर उक़ूबतों का यह दौर ज़िंदगी से रूखसत हो सके।
Wednesday 10 April 2013
Posted by Gautam singhPosted on 23:38 | No comments
जनसंपर्क एवं कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन पर सेमिनार
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परफेक्ट रिलेशन के सहसंस्थापक एवं समूह सीईओ प्रदीप (बॉबी ) केवलरमानी को पेंटिंग भेट
करते हुए सुभारती मास काम के प्राचार्य प्रोफेसर आरपी सिंह एवं सुभारती फाइन आर्ट्स के प्राचार्य
प्रोफेसर पिंटू मिश्रा
बॉबी केवलरमानी सेमिनार को संबोधित करते हुए ...
Posted by Gautam singhPosted on 23:02 | No comments
एक छात्र जिसे, पढ़ना लिखना अच्छा लगता है, जो महसूस करता हूं वही लिखता हूं... अभी दिल्ली में रहता हूं...अपने-आप से लड़ रहा हूं... दुनिया में सबसे आसान काम है जीना। जीने के लिए आपको बस सांस लेना होता है। खाना-पीना, सोना और कुछ आसान सी हरकतें आपको ज़िंदा रखने के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन इस आसान से जीवन को भी जो मकड़-जाल की तरह उलझा दे उसी को सभ्यता कहते हैं। याद ही नहीं कि पिछली बार कब किसी को बिना उलझे बस जीते देखा था। यह ब्लॉग कोशिश है मेरी कुछ उलझे धागे सुलझाने की। शायद थोड़ा सुलझ कर उक़ूबतों का यह दौर ज़िंदगी से रूखसत हो सके।