कश्मिर के पुलवामा के सरकारी डिग्री कॉलेज में आईएसआईएस का झंडा फहराया गया और हमारी सरकार चुपचाप देखती रही। हम क्यों नहीं पाकिस्तान से सिखे आतंकी देश है वह लेकिन फिर भी वहां के लोग वही का जयकारा लगाते है भले ही वह बॉलीवुड से कमाते हो लेकिन गुण पाकिस्तान का ही गाते है अरे बेशर्मो अगर पाकिस्तान से कुछ सिखना है तो यह सिखों की वह अपने देश के प्रति कितना इमानदार है। एक गद्दार वतन के लोग अपने वतन के लिए। यह विडंबना है अपने देश का स्कॉलरशिप भारत का चाहिए, आरक्षण भारत का चाहिए रोटी भारत का चाहिए लेकिन झंडा पाकिस्तान और आईएसआईएस का लहरायेंगे। बाकी जो थोड़ा बहुत कमी रह जाता है तो वह पूरा कर देते है हमारे यहां के धर्म गुरु अगर भगवान ने धर्म दिया है तो अक्ल भी दी है खुद पढ़ों किसी धर्म गुरु के पास जाने की जरूरत नहीं है। वह कोई भगवान नहीं वह भी हमारे तरह इंसान ही है। हमसे और आपसे ज्यादा विवेकशिल नहीं है। वहां हमारे सैनिक सहीद हो जाते है और हमारे देश के गृहमंत्रि कह देते है हम कड़े शब्दों में निंदा करते है।
अरे अगर निंदा ही करना है तो फिर मनमोहन सिंह में क्या बूराई था। अरे हम शर्मिंदा है की आप हमारे गृहमंत्री है कोई हमारे घर में घुसकर हमारे सैनिको को मार कर चला जाता है और आप बस इतना कहते है कि हम कड़े शब्दों में निंदा करते है। आपलोग कुछ करेंगे भी नहीं, क्योंकि आपलोगों की तो रोटियां इसी से चलती है। कभी कांग्रेस, कभी बीजेपी कभी आप सभी बारी-बारी से अपनी रोटियां सेकते रहिये। हमारे प्रधानसेवक कहते है हम प्राउड फिल करते है अपने सैनिको पर तो प्राउड का क्या हम पुंगी बजाए। वक्त बदल रहा है प्रधानसेवक महोदय यह बड़ी-बड़ी बाते करने से कुछ नहीं होगा अब करके दिखाइये। अब अगर नहीं किया ना प्रधानसेवक महोदय तो आपको भी लोग उतार फेकेंगे।
आज के युवा पढ़ा लिखा है वह अब फ्री पानी और रोटी के नाम पर खुस नहीं होने वाले है। सब बदल कर रख देगा आपका। चाहे वह कोई भी पार्टी हो क्या फर्क पड़ता है वह कांग्रेस है या बीजेपी है। कांग्रेस के लोग बीजेपी में चले जाते है तो वह शुद्ध हो जाते है क्या बीजेपी में गंगा जल रखा हुआ जो कांग्रेस छोड़ते ही वह शुद्ध हो जाते है। लोग तो वही है चेहरे तो वही है बस पार्टी बदल जाती है। कहां से विकास होगा इस देश का करोड़ों के थाली में जिसको रुपये जाहिए कहां से विकास होगा देश का। वैसे भी आपसे किसीने ने विकास की उम्मीद की भी नहीं थी बस आप सत्ता में इसलिए आये की लोग आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के साथ-साथ भष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में मजबूती चाहते थे। यह तो तय है की पांच साल में विकसित करने के लिए आपको कम से कम ब्रह्मा होना पड़ेगा। वो आपसे बस का है नहीं।
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